4 में से एक दोषी के पास फांसी से बचने का अब कोई विकल्प नहीं; मुकेश ने दया याचिका खारिज करने को चुनौती दी थी, सुप्रीम कोर्ट ने इसे भी ठुकराया

निर्भया केस के चार दोषियों में से एक मुकेश सिंह के पास फांसी से बचने के लिए अब कोई विकल्प नहीं बचा है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दया याचिका को चुनौती देती मुकेश की पिटीशन खारिज कर दी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 17 जनवरी को मुकेश की दया याचिका ठुकरा दी थी, उसने 19 जनवरी को इसकी न्यायिक समीक्षा की मांग की थी। ट्रायल कोर्ट दूसरी बार दोषियों का डेथ वॉरंट जारी कर चुकी है। चारों दोषियों को 1 फरवरी को सुबह 6 बजे तिहाड़ में फांसी दी जानी है। पहले वॉरंट में यह तारीख 22 जनवरी थी। 


सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘‘गृह मंत्रालय ने 15 जनवरी को दिल्ली सरकार की ओर से सील बंद लिफाफे में मिले सभी दस्तावेज दया याचिका के साथ राष्ट्रपति के सामने विचार के लिए रखे थे। इसमें निचली अदालत, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसले भी शामिल थे। कथित तौर पर प्रताड़ित होना दया का आधार नहीं हो सकता है। दया याचिका पर जल्द फैसला लेने का यह मतलब नहीं कि राष्ट्रपति ने इसमें विवेक का इस्तेमाल नहीं किया।’’ वहीं, दोषी अक्षय ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार रात क्यूरेटिव पिटीशन दायर की।